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Saturday 19 December 2020

कोरोना वैक्सीन : भारत से मदद मांग रहे 12 देश, हर्षवर्धन बोले- तेजी से करना होगा टीकाकरण

December 19, 2020 0
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को जोर दिया कि संपूर्ण लक्षित आबादी को कवर करने के लिए एक त्वरित कोविड-19 टीकाकरण अभियान की आवश्यकता है। एक अनुमान के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या करीब 30 करोड़ है।

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Monday 1 April 2019

दिल को भी बीमार बना रहे दांत

April 01, 2019 0
इंडियन डेंटल एसोसिएशन के तत्वावधान में कार्यशाला आयोजित

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Tuesday 26 February 2019

कृमि मुक्ति दिवस पर खिलाई एल्बेंडाजोल की दवा

February 26, 2019 0
ललितपुर। माहेश्वरी एकेडमी स्कूल में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसमें बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। साथ ही स्वच्छ रहने के प्रति जागरूक किया गया।

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Saturday 27 October 2018

कोहली ने 4 महीने से नहीं खाया नॉनवेज, बताया क्या बदलाव आए

October 27, 2018 0
                  Indian Cricket Team के कप्तान Virat Kohli फिटनेस को लेकर बेहद सख्त रवैया अपनाते हैं. इन दिनों कोहली बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं और रिकॉर्ड्स का अंबार लगा रहे हैं. इन दोनों कोहली बॉउंड्री से ज्यादा दौड़ कर रन लेने पर काफी जोर दे रहे हैं. जिसकी वजह से वह दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज हैं.

              अपनी फिटनेस को लेकर कोहली ने खुलासा किया है कि उन्होंने 4 महीने पहले ही नॉनवेज खाना छोड़ दिया है . Times of India की रिपोर्ट के मुताबिक रन मशीन कोहली नॉन वेज छोड़ कर साग सब्जियां अधिक से अधिक खा रहे हैं.


अब कोहली अपने खाने में प्रोटीन शेक, सब्जियां और सोया का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं अंडा, मांस और डेयरी प्रॉडक्ट से उन्होंने दूरी बना ली है.

कोहली का मानना है कि नॉन वेज छोड़ने के बाद उनका खेल पहले से ज्यादा बेहतर हुआ. उनकी पाचन शक्ति मजबूत हुई. कोहली ने बताया सिर्फ 4 महीने में ही वह पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं.
कोहली से पहले दुनिया के कई शीर्ष खिलाड़ियों ने नॉन वेज खाना छोड़ा है. इनमें टेनिस स्टार वीनस विलियम्स और उनकी बहन सेरेना विलियम्स, फुटबॉलर लियोनल मेसी के साथ-साथ फॉर्मूला वन चैंपियन लुईस हैमिल्टन प्रमुख हैं. मेसी ने सिर्फ फीफा वर्ल्डकप के दौरान ही शाकाहारी बने थे.
कोहली ने टीम इंडिया में फिटनेस की अवधारणा को ही बदल डाला है. कैप्टन विराट ने सिर्फ खुद को, बल्कि पूरी टीम को चुस्त देखना चाहते हैं. 


विराट न सिर्फ बेहतरीन बल्लेबाज है, बल्कि एक चैंपियन एथलीट भी हैं, जो चीते जैसा शक्तिशाली है.

विराट भी कह चुके हैं, 'मुझे ऐसा महसूस हुआ था कि अगर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बनने की होड़ में शामिल होने के लिए टॉप क्लास एथलीट भी बनना पड़ेगा.'

विराट के कोच राजकुमार शर्मा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि विराट कभी कबाब, बिरयानी और खीर पर टूट पड़ते थे. लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है.

विराट खुद भी कह चुके हैं. मैं एक पंजाबी ब्वॉय हूं, जो आम तौर पर बटर चिकन पसंद करता था. लेकिन नियंत्रित आहार (डाइट) के शुरुआती दिन मेरे लिए आसान नहीं थे. अब तो डाइट जीवन का आधार बन चुका है. वजन उठाने से लेकर अन्य एक्सरसाइज करते हुए जिम में घंटों समय बिताता हूं.
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Thursday 25 October 2018

सावधान! खड़े होकर पानी पीने से शरीर को होते हैं ये गंभीर नुकसान

October 25, 2018 0
                  शरीर को स्वस्थ और फिट रखने में पानी की अहम भूमिका होती है. मानव शरीर में पानी की मात्रा 50-60 प्रतिशत होती है. पानी शरीर के अंगों और ऊतकों की रक्षा करता है. साथ ही कोशिकाओं तक पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुंचाने का काम भी करता है.

           हालांकि, सभी जानते हैं कि अच्छी सेहत के लिए सही मात्रा में पानी पीना कितना ज्यादा जरूरी है. लेकिन सिर्फ दिनभर में 8 गिलास पानी पीना ही अच्छी सेहत के लिए काफी नहीं होता है, बल्कि आप किस तरह और किस पोजीशन में पानी पीते हैं ये भी अच्छी सेहत के लिए बहुत मायने रखता है.




हम में से अधिकतर लोग खड़े होकर पानी पीते हैं. खड़े होकर पानी पीने की आदत आपके शरीर को बुरी तरह नुकसान पहुंचाती है, आइए जानें कैसे...

आयुर्वेद के मुताबिक, जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो, इससे हमारे पेट पर अधिक प्रेशर पड़ता है, क्योंकि खड़े होकर पानी पीने पर पानी सीधा इसोफेगस के जरिए प्रेशर के साथ पेट में तेजी से पहुंचता है. इससे पेट और पेट के आसपास की जगह और डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा खड़े होकर पानी पीने से शरीर को इससे मिलने वाले किसी भी न्यूट्रिएंट्स का फायदा नहीं होता है.

खड़े होकर पानी पीने से पानी प्रेशर के साथ पेट में जाता है, जिससे सभी इंप्योरिटीज ब्लैडर में जमा हो जाती हैं, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचता है.

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पानी पीने का तरीका हमारी सेहत को कई तरह से प्रभावित करता है, क्योंकि पानी के प्रेशर से शरीर के पूरे बायोलॉजिकल सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है. इससे जोड़ों के दर्द की समस्या हो जाती है.



खड़े होकर पानी पीने से फेफड़ों पर भी बुरा असर पड़ता है क्योंकि इससे हमारे फूड पाइप और विंड पाइप में ऑक्सीजन की सप्लाई रूक जाती है. अगर कोई शख्स लगातार खड़े होकर पानी पीता है तो उस व्यक्ति को फेफड़ों के साथ-साथ दिल संबंधी बीमारी होने की संभावना भी अधिक होती है.

खड़े होकर पानी पीने से प्यास कभी नहीं बुझती है. यही कारण है कि पानी पीने के कुछ मिनट बाद ही आपको फिर से प्यास लगने लगती है. इसलिए बेहतर होगा कि बैठकर आराम से पानी पिएं.

जब हम बैठकर पानी पीते हैं तो हमारी मांसपेशियां और नर्वस सिस्टम बहुत रिलेक्स रहते हैं. साथ ही खाना जल्दी डाइजेस्ट हो जाता है.

इसलिए हमेशा बैठकर ही पानी पीने की कोशिश करें. इस तरह से पानी का फ्लो धीमा रहेगा और शरीर को जरूरी न्यूट्रिएंट्स भी मिलेंगे.

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Monday 15 October 2018

सेहत के लिए फायदेमंद है नवरात्र‍ि का व्रत, ये रहे फायदे ...

October 15, 2018 0
           नवरात्रि के 9 दिन व्रत रखना सिर्फ भक्ति का विषय नहीं है, बल्कि य‍ह आपकी सेहत पर भी सीधा असर डालता है। जी हां, नवरात्र‍ि में आपकी जीवनशैली और खान-पान में लगातार 9 दिनों तक जो अंतर आता है वह आपकी सेहत को प्रभावित करता है। नवरात्रि में उपवास रखना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। चलिए जानते हैं नवरात्रि उपवास के फायदे.........

 फायदे -

 नवरात्रि में व्रत रखने पर ऐसे लोग भी जल्दी उठते हैं, जिन्हें रोजाना देर तक सोने की आदत होती है। लगातार 9 दिन तक ऐसा करने पर इसका असर आपके शरीर, ऊर्जा और मानसिक सेहत पर सकारात्मक रूप से पड़ता है।

  व्रत के साथ पूजा-पाठ की जाती है, जो मानसिक शांति और तनाव कम करने में मददगार होता है। इससे आपका मानसिक स्तर सुधरता है, साथ ही आप प्रसन्न रहते हैं।

  खाने पीने में परहेज करने का असर भी आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर पड़ता है। इन दिनों आप नमक और अन्य कैलोरी फूड नहीं खाते और फल, दूध एवं जूस का सेवन ज्यादा करते हैं जिससे आपका वजन नियंत्रित होता है।



  फलाहार और तरह पदार्थों का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, जिसे आपको कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

  व्रत में आप शराब, सिगरेट एवं अन्य धूम्रपान संबधी चीजों का सेवन नहीं करते, जिससे आपकी बिगड़ती सेहत पर कंट्रोल होता है, और नुकसान से भी बचते हैं।

  व्रत रखने से शरीर के अंदर से कोलेस्ट्राल की मात्रा कम होती है, जिससे आपकी बॉडी के साथ ही दिल और बाकी अंगों की फिटनेस बढ़ती है।

  इन दिनों में तापमान अधिक होता है और प्यास भी ज्यादा लगती है। ऐसे में जब आप भरपूर पानी और तरल पदार्थों का सेवन करते हैं तो डिहाइड्रेशन नहीं होता और आप ज्यादा फ्रेश रहते हैं।

  इन दिनों आप आध्यात्मिक होते हैं। आध्यात्‍म का आपकी मानसिक और आत्मिक सेहत में वृद्धि होती है और आपको अतिरिक्त ऊर्जा का एहसास होता है।
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Friday 12 October 2018

नींद लेने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए, ये रहा कारण...

October 12, 2018 0
              अधिक सोने से आपके मस्तिष्क के काम करने के तरीके को नुकसान पहुंच सकता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जो कम सोता है या रात में सात से आठ घंटे से ज्यादा की नींद लेता है उसकी समझने-जानने की क्षमता कम हो जाती है।

             कनाडा के वेस्टर्न विश्वविद्यालय  के शोधकर्ताओं का कहना है कि पिछले साल जून में शुरू किए गए नींद संबंधी सबसे बड़े शोध में विश्व भर के 40,000 लोग शामिल हुए। ऑनलाइन शुरू की गई इस वैज्ञानिक जांच में एक प्रश्नावली और ज्ञानात्मक प्रदर्शन (काग्नेटिव परफार्मेन्स) वाली गतिविधियों की श्रृंखला शामिल की गई।

            वेस्टर्न विश्वविद्यालय के एड्रियन ओवन ने कहा, “हम वास्तव में विश्व भर के लोगों की सोने की आदतों के बारे में जानना चाहते थे। निश्चित तौर पर प्रयोगशालाओं में छोटे पैमाने पर नींद पर शोध हुए हैं लेकिन हम यह जानना चाहते थे कि वास्तविक जगत में लोगों की नीद संबंधी आदतें कैसी हैं।” लगभग आधे प्रतिभागियों ने प्रति रात 6.3 घंटे से कम नींद लेने की बात कही जो अध्ययन में अनुशंसित नींद की मात्रा से एक घंटे कम थी।

इसमें एक चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि चार घंटे या उससे कम नींद लेने वालों का प्रदर्शन ऐसा था जैसे वह अपनी उम्र से नौ साल छोटे हों।

अन्य आश्चर्यचकित करने वाली खोज यह थी कि नींद सभी वयस्कों को समान रूप से प्रभावित करती है। नींद की अवधि और अत्याधिक कार्यात्मक संज्ञानात्मक व्यवहार के बीच संबंध सभी उम्र के लोगों में समान दिखा।

शोधकर्ताओं ने पाया कि आपके मस्तिष्क को सही से काम करने के लिए सात से आठ घंटे की नींद चाहिए होती है और डॉक्टर भी इतनी ही नींद लेने की सलाह देते हैं।
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