Hindi Story-सारे रिश्ते टूट गए
एक बार एक बहुत सुन्दर लड़की थी | वह इतनी सुन्दर थी जो भी उसे देखता , देखता ही रह जाता | पर उसे गुस्सा बहुत आता था | गुस्से में वह किसी से कुछ भी कह देती | घर के सबलोग उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे | एक बार उसके पिता ने उसे सबक सिखाने की सोची | उसके पिता ने उसे कुछ कील और हतोड़ा दिया और कहा एक महीने तक हम एक एक्टिविटी करेंगे जिसमे तुम्हे बस एक महीने तक गुस्सा कम करना है उसके बाद तुम चाहो जितना गुस्सा कर सकती हो | और जब भी तुम्हे गुस्सा आये और तुम किसी से बुरी तरह बोल दो तो एक कील दीवार में लगा देना | और कोशिश करनी है गुस्सा कम करने की , लड़की तैयार हो गयी | उसे जब भी गुस्सा आता और वह किसी को कुछ बोल देती तो एक कील दिवार में लगा देती | पहले दिन उसने दीवार में 30 कील लगा दी | पर धीरे धीरे दिवार में लगने वाली कील कम होने लगी | 15 ही दिन में उस लड़की ने सबसे बुरी तरह बोलना काम कर दिया | अब उसके पिता ने उससे कहा की अगर तुम एक बार भी गुस्सा का करना होने पर किसी से बुरी तरह न बोलो तो अपने द्वारा लगायी हुई कील में से एक कील निकाल देना | लड़की ने वैसे ही किया | 1 महीने के अंत तक दीवार से सब कील निकल गयी | लड़की बहुत खुश हुई की वो इस गेम में जीत गयी | और अपने पिता जी से कहने लगी
देखिये सब कील दीवार से निकल गयी |
उसके पिता ने कहा दीवार से कील तो निकल गयी पर क्या दीवार पहले जैसी सुन्दर दिख रही है | दीवार में जगह जगह निशान पढ़ गए हैं |
पिता ने अपनी बेटी को समझाया इसी तरह जब तुम किसी पर गुस्सा करती हो तो तुम्हारे रिश्तो में भी ख़राब निशान छूट ही जाते है | और एक दिन यही निशान रिस्तो को भी ख़राब कर देते हैं लड़की के बात समझ में आ गयी और उसने उस दिन से गुस्सा करना बहुत कम कर दिया .
देखिये सब कील दीवार से निकल गयी |
उसके पिता ने कहा दीवार से कील तो निकल गयी पर क्या दीवार पहले जैसी सुन्दर दिख रही है | दीवार में जगह जगह निशान पढ़ गए हैं |
पिता ने अपनी बेटी को समझाया इसी तरह जब तुम किसी पर गुस्सा करती हो तो तुम्हारे रिश्तो में भी ख़राब निशान छूट ही जाते है | और एक दिन यही निशान रिस्तो को भी ख़राब कर देते हैं लड़की के बात समझ में आ गयी और उसने उस दिन से गुस्सा करना बहुत कम कर दिया .
Moral- दोस्तों हम सभी का भी यही हाल होता है | हम जिस पर गुस्सा कर सकते है उससे बहुत उल्टा सीधा कह देते हैं और अपने रिश्तो को ख़राब कर देते हैं | गुस्सा करने की हम आदत बना लेते है और जिसे हम दबा सकते है उसी पर गुस्सा करते हैं | जैसे की ऑफिस में बॉस ने कुछ कह दिया हम उससे कुछ नहीं कह सकते तो घर आकर बच्चो को बिना किसी गलती के ही डांट देते हैं |
इसलिए अपनी इस ख़राब आदत को रिश्तो के ख़राब होने से पहले ही सुधार लीजिये |
इसलिए अपनी इस ख़राब आदत को रिश्तो के ख़राब होने से पहले ही सुधार लीजिये |
धन्यवाद।
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